📘 संधि – भाग 3
व्यंजन संधि: परिभाषा, नियम, उदाहरण और अभ्यास
🔷 परिचय:
व्यंजन संधि हिंदी व्याकरण की वह प्रक्रिया है, जिसमें पहले शब्द के अंत में हल्प्रत्यय व्यंजन और दूसरे शब्द की शुरुआत स्वर या व्यंजन से होती है और इस मेल में ध्वनि परिवर्तन होता है।
👉 इस भाग में हम व्यंजन संधि के प्रमुख नियम, प्रकार और उदाहरणों के साथ अभ्यास भी करेंगे।
यह भाग संधि विषय को और अधिक व्यावहारिक और गहराई से समझने में सहायक होगा।
🔹 1. व्यंजन संधि की परिभाषा:
"जब दो शब्दों के मेल में पहला शब्द व्यंजन पर समाप्त हो और दूसरा स्वर या व्यंजन से शुरू हो तथा मेल के समय ध्वनि या रूप में परिवर्तन हो, तो उसे व्यंजन संधि कहते हैं।"
📌 उदाहरण:
तद् + गुण = तज्ज्ञ
सत् + चित्त = सच्चित्त
🔹 2. व्यंजन संधि के प्रमुख प्रकार:
क्रमांक संधि का नाम क्या होता है? उदाहरण
1. परसवर्ण संधि पहला शब्द व्यंजन पर समाप्त हो और दूसरा स्वर से शुरू हो, तो पहला व्यंजन दूसरे के समान हो जाता है सत् + गुण = सगुण
2. अनुस्वार संधि नासिक्य ध्वनि (ं) का निर्माण होता है सं + गीता = संगीता
3. वर्ण परिवर्तन संधि कुछ विशेष व्यंजन दूसरे में बदल जाते हैं तद् + जन = तज्जन
4. यण संधि (व्यंजन रूप) जब व्यंजन संधि में य, व, र आदि ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं मति + जय = मतिजय
🔹 3. व्यंजन संधि के नियम और उदाहरण:
✅ (1) परसवर्ण संधि:
अंतिम व्यंजन अपने से अगली ध्वनि के अनुसार रूप बदलता है।
📌 उदाहरण:
सत् + गुण = सगुण
यत् + भाव = यभाव
✅ (2) अनुस्वार संधि:
अंतिम अक्षर ‘म्’ या नासिक्य ध्वनि बन जाए।
📌 उदाहरण:
सं + गीता = संगीता
विन् + मय = विंमय
✅ (3) वर्ण परिवर्तन संधि:
त, द, प आदि अंतिम व्यंजन → ज, य, च, ग आदि में बदल जाते हैं।
📌 उदाहरण:
तद् + जन = तज्जन
बुद्ध् + युक्त = बुद्ध्युक्त
✅ (4) यण संधि (व्यंजन रूप):
जब अंतिम व्यंजन के बाद स्वर आता है और य, व, र जैसी ध्वनि बनती है।
📌 उदाहरण:
मति + जय = मतिजय
बोध + उपदेश = बोधोपदेश
📝 Part 2 के अभ्यास उत्तर:
a. राम + ईश्वर = रामेश्वर → स्वर संधि (दीर्घ)
b. विद्या + आलय = विद्यालय → स्वर संधि (गुण)
c. ऋषि + अर्पण = ऋष्यार्पण → स्वर संधि (गुण)
d. गुरु + उपदेश = गुरुपदेश → स्वर संधि (यण)
🟢 अभ्यास प्रश्न (Practice Questions):
प्रश्न: नीचे दिए गए युग्मों की संधि कीजिए और प्रकार बताइए –
1. सत् + चित्त = __________
2. तद् + धर्म = __________
3. सं + युक्त = __________
4. बुद्ध् + उपदेश = __________
(उत्तर अगले भाग में मिलेंगे – विसर्ग संधि के साथ)
🔚 निष्कर्ष:
व्यंजन संधि में बदलाव थोड़ा जटिल हो सकता है, परंतु उदाहरणों और अभ्यास से यह स्पष्ट हो जाता है।
इसके नियम ध्वनि आधारित होते हैं, इसलिए उच्चारण पर ध्यान देना आवश्यक है।
👉 अगले भाग में हम सीखेंगे – विसर्ग संधि, जो "ः" पर आधारित संधि है।
✍️ Curious Flow – आपकी सीखने की सही दिशा!
हमेशा सीखते रहिए, आगे बढ़ते रहिए।