📘 संधि – भाग 2
स्वर संधि: परिभाषा, चार भेद, नियम, उदाहरण और अभ्यास
🔷 परिचय:
पिछले भाग में हमने संधि की मूल परिभाषा, आवश्यकता और तीन प्रमुख प्रकारों की जानकारी प्राप्त की थी।
अब हम विस्तार से पढ़ेंगे — स्वर संधि, जो सबसे अधिक उपयोग में आने वाली संधि है।
🔹 1. स्वर संधि की परिभाषा:
"जब दो शब्दों के मेल में अंत और प्रारंभ स्वर हों और उनके मिलने से स्वर परिवर्तन हो जाए, तो वह स्वर संधि कहलाती है।"
📌 उदाहरण:
राम + ईश्वर = रामेश्वर
गुरु + उवाच = गुरुवाच
🔹 2. स्वर संधि के चार भेद:
क्रमांक स्वर संधि का नाम क्या होता है? उदाहरण
1. दीर्घ संधि समान स्वरों के मेल से दीर्घ स्वर बनता है अ + अ = आ → राम + अयन = रामायन
2. गुण संधि इ, ई, उ, ऊ, ऋ आदि स्वरों के मेल से गुण स्वर बनता है गुरु + इंद्र = गौरिंद्र
3. वृद्धि संधि ए, ओ के मेल में वृद्धि स्वर बनता है प्र + ऐष्ण = प्रैष्ण
4. यण संधि इ, ई, उ, ऊ, ऋ के स्थान पर य, व, र, ल आ जाता है निधि + ईश = निध्यीश
🔹 3. स्वर संधि के नियम और उदाहरण
✅ (1) दीर्घ संधि:
यदि पहला शब्द अ और दूसरा भी अ, आ हो → आ
यदि पहला शब्द इ + इ / ई → ई
यदि पहला शब्द उ + उ / ऊ → ऊ
📌 उदाहरण:
जन + अंजन = जान्जन
तिरि + इश्वर = तीश्वर
✅ (2) गुण संधि:
इ / ई + अ → ए
उ / ऊ + अ → ओ
ऋ + अ → अर
📌 उदाहरण:
वज्र + इन्द्र = वज्रेन्द्र
गुरु + अगम = गौरगम
मति + अर्ध = मतरर्ध
✅ (3) वृद्धि संधि:
ए + अ → ऐ
ओ + अ → औ
📌 उदाहरण:
दे + अर्ष = दैर्ष
सो + अगम = सौगम
✅ (4) यण संधि:
इ / ई + स्वर → य
उ / ऊ + स्वर → व
ऋ + स्वर → र
ॠ + स्वर → र
📌 उदाहरण:
निधि + ईश्वर = निध्यीश्वर
गुरु + उपदेश = गुरुपदेश
कृत + अर्थ = कृर्तार्थ
📝 Part 1 के उत्तर:
1. देव + ईश्वर = देवेश्वर → स्वर संधि
2. सत् + गुण = सगुण → व्यंजन संधि
3. दुखः + निवारण = दुःखनिवारण → विसर्ग संधि
🟢 अभ्यास प्रश्न (Practice Questions):
प्रश्न 1: निम्नलिखित संधियों की पहचान कीजिए और उनका प्रकार बताइए:
a. राम + ईश्वर = __________
b. विद्या + आलय = __________
c. ऋषि + अर्पण = __________
d. गुरु + उपदेश = __________
(उत्तर अगले भाग में दिए जाएँगे)
🔚 निष्कर्ष:
स्वर संधि सरल और सबसे ज्यादा दिखने वाली संधि है।
इसके चारों भेद नियमों के अनुसार अगर आप उदाहरणों के साथ अभ्यास करें, तो यह विषय आपके लिए हमेशा आसान रहेगा।
👉 अगले भाग में हम सीखेंगे — व्यंजन संधि, जिसमें स्वर और व्यंजन के मेल से विशेष बदलाव होते हैं।
✍️ Curious Flow – आपकी सीखने की सही दिशा!
हमेशा सीखते रहिए, आगे बढ़ते रहिए।