📘 संधि – भाग 4
विसर्ग संधि: परिभाषा, प्रकार, नियम, उदाहरण और अभ्यास
🔷 परिचय:
इस भाग में हम संधि का अंतिम प्रकार विसर्ग संधि सीखेंगे।
विसर्ग संधि विशेष रूप से उन शब्दों में होती है जो ः (विसर्ग) पर समाप्त होते हैं और उसके बाद स्वर या व्यंजन से शुरू होने वाला शब्द आता है।
👉 इस भाग में हम विसर्ग संधि की सभी भेद, नियम, उदाहरण और अभ्यास को समझेंगे।
अंत में आपको मिलेगा सभी भागों का सारांश भी।
महत्वपूर्ण सूचना:
👉 अगले भाग (भाग 5) में हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं –
"100 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर" जो संधि विषय पर आधारित होंगे और कक्षा 6 से 10 तक की परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं।
🔹 1. विसर्ग संधि की परिभाषा:
“जब पहले शब्द का अंत ‘ः’ (विसर्ग) से होता है और दूसरा शब्द स्वर या व्यंजन से आरंभ होता है, तो विसर्ग का रूप बदल जाता है। इसी प्रक्रिया को विसर्ग संधि कहते हैं।”
📌 उदाहरण:
दुः + ख = दुःख
मोहः + इन्द्रिय = मोहेन्द्रिय
🔹 2. विसर्ग संधि के प्रकार और नियम:
क्रमांक प्रकार नियम और परिवर्तन उदाहरण
1. स्वर संधि में विसर्ग विसर्ग के बाद स्वर आने पर विसर्ग का लोप हो जाता है या ‘ः’ → य, र में बदल जाता है मोहः + इन्द्रिय = मोहेन्द्रिय
2. स, श, क के पहले विसर्ग → स् में बदल जाता है दुः + ख = दुःख
3. अन्य व्यंजन से पहले विसर्ग बना रहता है तपः + शक्ति = तपःशक्ति
🔹 3. उदाहरणों सहित स्पष्टीकरण:
✅ (1) स्वर के पहले:
मोहः + अज्ञान = मोहज्ञान (विसर्ग लुप्त)
धर्मः + अर्थ = धर्मार्थ
✅ (2) क, ख, स, श के पहले:
दुः + ख = दुःख
दुः + श्रवण = दुःश्रवण
✅ (3) अन्य व्यंजन के पहले:
तपः + शक्ति = तपःशक्ति
बलः + पुरुष = बलःपुरुष
📝 Part 3 के अभ्यास उत्तर:
1. सत् + चित्त = सच्चित्त → व्यंजन संधि (वर्ण परिवर्तन)
2. तद् + धर्म = तद्धर्म → व्यंजन संधि (वर्ण परिवर्तन)
3. सं + युक्त = संगयुक्त → अनुस्वार संधि
4. बुद्ध् + उपदेश = बुद्ध्युपदेश → यण संधि (व्यंजन रूप)
🟢 अभ्यास प्रश्न (Practice Questions):
प्रश्न: नीचे दी गई संधियाँ कीजिए और प्रकार बताइए:
1. मोहः + इन्द्रिय = __________
2. दुः + कर्म = __________
3. तपः + शक्ति = __________
4. धर्मः + अर्थ = __________
(उत्तर टिप्पणी में बताइए या शिक्षक से जाँच करवाइए!)
📌 4 भागों का संक्षिप्त सारांश:
भाग संधि का नाम मुख्य बिंदु
1 संधि परिचय परिभाषा, आवश्यकता, तीन मुख्य प्रकार
2 स्वर संधि दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण संधि
3 व्यंजन संधि परसवर्ण, अनुस्वार, वर्ण परिवर्तन
4 विसर्ग संधि विसर्ग + स्वर/व्यंजन → रूपांतरण
🔚 निष्कर्ष:
संधि हिंदी व्याकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है।
चारों संधियों को समझने के बाद आप किसी भी शब्द में संधि पहचान सकेंगे, उसे तोड़ सकेंगे और खुद संधि बना सकेंगे।
अभ्यास ही इस ज्ञान को स्थायी बनाएगा।
✍️ Curious Flow – आपकी सीखने की सही दिशा!
हमेशा सीखते रहिए, आगे बढ़ते रहिए।